हिमांशु जोशी: ऐसे भी किसी के मन को भला क्या छूना...
हिमांशु जोशी के आज न रहने पर, जब मैं उनके बारे में सोच रहा हूं, तो बार-बार मेरा मन मुझसे एक ही सवाल कर रहा है, 'कहीं ऐसा तो नहीं कि एक लड़की की इस अनदेखे लेखक के प्रति दीवानगी ने ही तुम्हें लेखक बनने के लिए उकसाया था?'
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